दोस्तों वेल्डिंग एक बहुत ही कॉमन प्रोसेस है और इसका उपयोग बहुत ही ज्यादा होता है। हमारे घर में लगी हुई खिड़की से लेकर हमारे बिस्तर और दरवाजे हर जगह वेल्डिंग से बने हुए प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है।
Welding क्या है? (Welding In Hindi)
Welding Meaning In Hindi: दोस्तों अगर बात करें कि Welding Kya Hai तो मैं आपको बता दूँ कि Welding एक प्रोसेस है जिसमे दो समान अथवा असमान मटेरियल से बने प्रोडक्ट को Filler Material की सहायता से अथवा बिना filler material के दोनों मटेरियल को गर्म कर के हमेशा के लिए जोड़ दिया जाता है।
इस प्रोसेस में उपयोग किया गया फिलर मटेरियल जरूरी नहीं है कि उसी material का हो जिसे हमें जोड़ना है।
हमारे घर में उपयोग में आने वाली हर छोटी से छोटी चीज वेल्डिंग की बनी होती वेल्डिंग बहुत ही कॉमन प्रक्रिया है लेकिन इसके लिए स्किल की आवश्यकता होती है अगर आपके अंदर स्किल नहीं है तो आप अच्छी तरह से वेल्डिंग नहीं कर पाएंगे और आपका बनाया हुआ प्रोडक्ट ज्यादा समय तक नहीं चलेगा इसलिए वेल्डिंग करने के लिए आपको सबसे पहले ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी की वेल्डिंग कैसे करते हैं और वेल्डिंग करते समय हमें कौन कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए जिससे हमें वेल्डिंग करने के दौरान कोई हानि न पहुंचे।
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Advantages And Disadvantages of Welding in Hindi
अगर बात करें वेल्डिंग के Advantages और Disadvantages के बारे में तो आपको कई सारे उदाहरण मिल जायेंगे और हम नहीं उन्ही उदाहरणों में से कुछ महत्वपूर्ण उदाहरणों की बात करेंगे जिन्हे आपको जानना चाहिए।
Advantages of welding
- इसमें दो अलग अलग मटेरियल को आपस में जोड़ा जा सकता है.
- वेल्डिंग के बहुत ही कॉमन प्रोसेस है और किन्ही भी दो मेटल्स को जोड़ने के लिए इसे कहीं पर भी किया जा सकता है।
Disadvantages of Welding
- वेल्डिंग करने के लिए स्किल्ड ऑपरेटर की आवश्यकता होती है।
- वेल्डिंग शुरू करने में शुरूआती खर्च बहुत ज्यादा होता है।
- एक बार मटेरियल जुड़ने के बाद उन मटेरियल को अलग करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है और अधिक मेहनत करनी पड़ती हैं।
Types Of Welded Joints
welding joint type in hindi: अब बात करते हैं की वेल्डिंग जॉइंट्स कितने प्रकार के होते हैं और हम कितने तरीकों से welding कर सकते हैं तो मैं आपको एक बात बता दूँ की इसमें केवल आपको नाम ही जानना है की कितने तरीके से वेल्डिंग को दो अलग- अलग मटेरियल से जोड़ा जाता है।
- Butt Joint
- Lap Joint
- Corner Joint
- Tee Joint
- Edge Joint
1. Butt Joint in hindi
बट जॉइंट वेल्डिंग की एक प्रोसेस है जिसमें दो एक सामान अथवा अलग-अलग प्रकार के मटेरियल के अंतिम सिरों को जोड़ा जाता है या फिर ऐसा कह सकते हैं कि बट जॉइंट में मटेरियल के किनारों को वेल्डिंग के माध्यम से हमेशा के लिए जोड़ा जाता है.
वेल्डिंग प्रोसेस में बट जॉइंट का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है.
नीचे दी गई इमेज में आप बट जॉइंट इन हिंदी के जोइनिंग प्रोसेस को देख सकते हैं.
2. Lap joint in hindi
जब दो एक सामान अथवा अलग- अलग मटेरियल की वेल्डिंग करने के लिए उन्हें एक दूसरे के ऊपर laping पोजीशन में रखकर वेल्डिंग किया जाता है तो उसे लैप जॉइंट कहते हैं. लैप जॉइंट में हम एक सामान या फिर अलग- अलग मोटाई के मटेरियल को बड़ी ही आसानी से जोड़ सकते हैं.
लैप जॉइंट में हम जॉइंट्स के किनारों में वेल्डिंग करते हैं जिसे कि आप दी गई इमेज में देख सकते हैं.
3. corner joint in hindi
corner joint को कई बार बट जॉइंट भी कहा जाता है क्युकी इसमें दो अलग - अलग मटेरियल को 90 डिग्री जिसे हम right angle कहते हैं की पोजीशन में जोड़ा जाता है.
4. Tee joint
टी जॉइंट वेल्डिंग में हुम एक सामान या फिर डिफरेंट टाइप के वेल्डिंग मटेरियल को दुसरे मटेरियल के बीच वाले पॉइंट से right angle में जोड़ते हैं. जिससे की जॉइंट का शेप टी जैसे (T) दिखता है.
5.Edge joint welding
एज जॉइंट वेल्डिंग में दोनों वेल्डिंग के टुकड़ों को रखा जाता है और टुकड़ों के किनारों को वेल्ड किया जाता है. वेल्डिंग प्रोसेस में एज जॉइंट वेल्डिंग का बहुत ही ज्यादा उपयोग किया जाता है.
इसके अलावा According to Position वेल्डिंग जॉइंट चार प्रकार के होते हैं -
- Flat
- Vertical
- Horizontal
- Overhead
Types of Welding
Types of welding in hindi: अब बात आती है की वेल्डिंग के कितने प्रकार होते हैं और वो कैसे काम करते हैं और उनसे हमें क्या लाभ और हानि हो सकती है इन सब सवालों का जबाब आपको नीचे मिल जायेगा।
बहुत सारे लोगों को लगता है की वेल्डिंग केवल दो प्रकार की ही होती है तो मैं आपको बता दूँ की वो सभी लोग गलत हैं और आज हम वेल्डिंग ते टाइप्स के बारे में पूरी तरह से जानेंगे जिससे हमारे सभी confusion दूर हो जायेगे।
दोस्तों अगर बात करें की वेल्डिंग के कितने प्रकार हैं तो मैं कहूंगा कि वेल्डिंग के तीन प्रकार हैं।
- Solid State Welding
- Liquid State Welding
- Homogeneous welding अथवा Solid/ liquid welding
Solid State Welding
दोस्तों solid state welding को autogenous वेल्डिंग भी कहते हैं और इस प्रकार की वेल्डिंग प्रोसेस में फिलर मटेरियल का उपयोग नहीं होता है। सॉलिड स्टेट वेल्डिंग के भी चार प्रकार हैं जो Cold, friction, diffusion, और forge हैं और इनमें से cold Welding के भी तीन प्रकार हैं जो प्रेशर, एक्सप्लोसिव,और अल्ट्रासोनिक हैं।
Liquid State Welding
अब बात आती है liquid state welding की तो इसे fusion वेल्डिंग भी कहते हैं और यह homogeneous वेल्डिंग है अर्थात इसमें आप फिलर मटेरियल अथवा बिना फिलर मटेरियल के भी वेल्डिंग कर सकते हैं।
इसके कुल तीन प्रकार हैं Arc Welding, chemical Reaction Welding और resistance Welding.
इनमें से arc वेल्डिंग के तीन प्रकार हैं जो हैं फ्लक्स कोर्ड welding, शील्डेड मेटल arc welding, submerged arc welding और इनमें से Flux cord arc वेल्डिंग के दो टाइप्स हैं AC और DC, और शील्डेड arc वेल्डिंग कभी दो टाइप्स हैं जो हैं TIG वेल्डिंग और Mig वेल्डिंग।
Solid / Liquid welding
इस प्रकार की वेल्डिंग को homogeneous टाइप वेल्डिंग कहते हैं। इस प्रकार की वेल्डिंग में फिलर मटेरियल Base मटेरियल से अलग रहता है। इस वेल्डिंग के भी तीन प्रकार हैं जो हैं soldering, Brazing और Adhesive Bonding.
इन सभी वेल्डिंग के तरीकों में सबसे ज्यादा उपयोग Arc welding और गैस वेल्डिंग का होता है जिसकी बात हम संछेप में नीचे कर रहे हैं जिससे आपकी इन वेल्डिंग के बारे में भी जानकारी हो जायेगी।
Arc Welding
Arc Welding in hindi: Arc Welding को इलेक्ट्रिक arc वेल्डिंग भी कहते हैं। इलेक्ट्रिक Arc Welding में जब दो कंडक्टर को Cathode और एनोड आपस में टकराते हैं तो उनमे अर्च generate होता है जिससे आप वेल्डिंग कर सकते हैं। arc welding के मुख्य पार्ट्स निम्नलिखित हैं-
- DC जनरेटर
- इलेक्ट्रोड होल्डर
- इलेक्ट्रोड
- ग्रिपर
- मेटल टेबल
- मटेल प्लेट्स
गैस वेल्डिंग
Gas Welding in hindi: गैस वेल्डिंग में वेल्डिंग के लिए फिलर मटेरियल के साथ गैस का उपयोग किया जाता है और वो गैस मुख्यतः नाइट्रोजन और ऑर्गन होती है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में गैस वेल्डिंग का अत्यधिक उपयोग किया जाता है।
Resistance welding
रेजिस्टेंस वेल्डिंग में दो पार्ट को इलेक्ट्रिक करंट और फोर्स की सहायता से दो पार्ट को आपस में जोड़ा जाता है. दोनों पार्ट जॉइंट की जगह पर मेल्ट होकर आपस में जुड़ जाते हैं.
रेजिस्टेंस वेल्डिंग के मुख्य रूप से 4 मुख्य पैरामीटर होते हैं -
1. स्क़ुईज़ टाइम
2. वेल्ड टाइम
3. होल्ड टाइम
5. ऑफ टाइम
रेजिस्टेंस वेल्डिंग निम्नलिखित प्रकार की होती हैं-
1. स्पॉट वेल्डिंग
2. प्रोजेक्शन वेल्डिंग
3. सीम वेल्डिंग
4. लो फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रिक रेजिस्टेंस वेल्डिंग
1. spot welding
स्पॉट वेल्डिंग एक रेजिस्टेंस वेल्डिंग प्रोसेस है. इस प्रक्रिया का उपयोग मुख्य रूप से दो या दो से अधिक धातु की चादरों को जोड़ने के लिए किया जाता है जिसके लिए प्रेशर और इलेक्ट्रिक करंट के माध्यम से heat का उपयोग किया जाता है.
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Conclusion
दोस्तों इस आर्टिकल में आपको वेल्डिंग के बारे में पता चल गया होगा कि Welding Kya hai और Welding meaning in hindi क्या है साथ ही आपको Types of welding in हिंदी के बारे में भी आपको जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें, धन्यवाद।
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