5G Technology In Hindi: क्या आप जानते हैं कि 5G क्या है (What Is 5G In Hindi) और 5G Technology कैसे काम करती है? तो इस आर्टिकल में हम 5G के बारे में विस्तार से बात करेंगे और साथ ही हम ये भी बात करेंगे कि कैसे 5G technology,4G Technology से कितनी अलग है।

फोन और हमारा रिश्ता बहुत पुराना नहीं है लेकिन बहुत मजबूत है सबसे पहले टेलीफोन का अविष्कार अलेक्जेंडर ग्रैहम बेल ने 1876 में किया था उसके बाद फ़ोन पर में लगातार खोज होती रही और आज फोन हमारे घर के एक कोने से हमारी जेब तक आ गया जिसे हम कहीं भी लेकर जा सकते हैं। 

मोबाइल फोन और फोन अलग अलग हैं क्युकि फोन में तार के द्वारा संचार किया जाता था जो एक ही जगह घर के किसी कोनें में रखा रहता था लेकिन मोबाइल इससे बिलकुल अलग है जिसे हम कहीं भी लेकर जा सकते हैं और इसका आविष्कार मार्टिन कूपर ने 1973 में किया था जो मोटोरोला कंपनी के लिए बनाया गया था। यह पहला वायरलेस मोबाइल था जहाँ से एक नए युग की शुरुआत हुई।

5G क्या है? (5g technology in hindi)

5G kya hai

अगर बात करें कि 5G तकनीक क्या है, तो बता दूँ कि यह एक सॉफ्टवेयर आधारित नेटवर्क है जिसे वायरलेस नेटवर्क की स्पीड और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए बनाया गया है। यह तकनीक डेटा क्वांटिटी को बढाती है जो वायरलेस नेटवर्क को ट्रांसमिट किया जाता है।

5G Technology का आधार पांच तकनीकों से बनता है।

1. मिलीमीटर वेव 
2. छोटे सेल्स
3. Maximum MIMO
4. बीमफार्मिंग
5. फुल डुप्लेक्स

5G Technology के features

उभरते हुए 5G technology में 4G की तुलना में काम विलंबता, उच्च छमता और बढ़ी हुई बनविड्थ की क्षमता है। अगर 5G के मुख्य लाभ की बात करें तो यह 4G की तुलना में 100 गुना ज्यादा तेज है। 

Speed upgrade

5G का मतलब Fifth Generation होता है इसका सीदा मतलब है कि यह वायरलेस नेटवर्क प्रणाली की 5 वीं पीढ़ी है और हर पीढ़ी ने अपनी स्पीड में बहुत ज्यादा वृद्धि की है। 4G की तुलना में इसकी स्पीड 100 गुना तक बढ़ जाएगी और आप 1 1GB की मूवी को मात्र 7 सेकंड में डाउनलोड कर पाएंगे।

Low Latency

Latency का कार्य है की वह यह मापताहै की डेटा को एक श्रोत से अपने रिसीवर तक जाने और आने में कितना समय लगता है। प्रत्येक वायरलेस पीढ़ी के लक्ष्यों में से एक लक्ष्य विलंबता को काम करना भी रहा है। नए 5G नेटवर्क में 4G की तुलना में कम विलंबता होगी।

Enhanced Capacity

5G, 4G की तुलना में 1000 गुना अधिक छमता तक कार्य करेगा और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के विकाश के लिए उपजाऊ जमीन का निर्माण करेगा।

Increased Bandwidth

5G नेटवर्क पर बढ़ी हुई गति और नेटवर्क क्षमता के संयोजन से 4G नेटवर्क की तुलना में बड़ी मात्रा में संचारित होने की छमता मिलेगी।

भारत में 5G कब आएगा?

भारत में 2020 के अंत तक 5G को शुरू करने की योजना है इसके लिए भारतीय मोबाइल नेटवर्क कम्पनिओं जैसे कि एयरटेल, वोडाफ़ोन, जिओ ने सैमसंग, Huawei और अन्य मोबाइल निर्माता कम्पनियों से साझेदारी कर के 5G मोबाइल फ़ोन्स का निर्माण शुरू कर दिया है जिसे आप 2020 के अंत तक देखेंगे और 5G के फीचर्स का लाभ उठा पाएंगे। 
भारत में 5G पर निम्नलिखित विकाश हुए हैं-

1. भारती एयरटेल और हुआवेई ने भारत के मानेसर, गुड़गांव में एयरटेल के network experience centre में एक परीक्षण सेटअप के तहत भारत का पहला 5G नेटवर्क ट्रायल सफलतापूर्वक आयोजित किया है, जिससे उपयोगकर्ता 3 जीबीपीएस से अधिक का थ्रूपुट प्राप्त कर सकता है। भारती एयरटेल ने 5 जी रोलआउट की तैयारियों में कंपनी का समर्थन करने के लिए नोकिया और एरिक्सन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

2.वोडाफोन आइडिया ने भी कई विक्रेताओं के साथ 5G परीक्षणों का प्रस्ताव दिया है, जिसमें Huawei और एरिक्सन शामिल हैं।

3. सैमसंग 2019 में नई दिल्ली में 5G फील्ड ट्रायल आयोजित करेगा, और वह DoT के साथ मिलकर यह काम कर रहा है। कंपनी अपने 5 जी क्षेत्र परीक्षणों के लिए रिलायंस जियो के भागीदारों में से एक होने की संभावना है।

4.बीएसएनएल ने सिएना के साथ 2020 तक एक वाणिज्यिक लॉन्च के लक्ष्य के साथ क्षेत्र परीक्षण करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

5G के फायदे

पिछले कुछ वर्षों में डाटा टेक्नोलॉजी में काफी परिवर्तन देखने को मिला है। 2जी से 3जी, 3जी से 4जी और अब 4जी से यह तकनीक 5जी में कदम रखने जा रही है। हालांकि, इसे अभी मेनस्ट्रीम में आने में कुछ समय है। 5जी के रोलआउट से पहले यूजर्स को 5जी तकनीक के बारे में जानना बेहद आवश्यक है।

बैंडविथ बढ़ जाएगी

बैंडविथ उस स्पेस या जगह को कहते हैं जो यूजर्स के डाटा इस्तेमाल करने, फाइल डाउनलोड करने, इंटरनेट पर पेज देखने और वीडियो देखने के लिए मुहैया कराई जाती है। जितनी कम बैंडविथ होगी उतनी ही धीरे डिवाइस काम करेगी।

5जी तकनीक का एक बड़ा फायदा यह है कि इसमें ज्यादा बैंडविथ उपलब्ध कराई जाएगी। जैसे 3जी तकनीक पर किसी भी वेब पेज को लोड होने में काफी समय लगता था। लेकिन 5जी पर ऐसी परेशानी नहीं आएगी। अगर एक साथ कई यूजर्स भी डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी डाटा स्पीड को लेकर कोई समस्या नहीं होगी।

5G  के मुख्य फायदे

  • 5G नेटवर्क का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन मिलेगा नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से देरी से होने वाले काम जल्द होने में आसानी होगी।
  • शहरों को नेटवर्क कनेक्टिविटी के माध्यम से स्मार्ट बनाया जा सकेगा।
  • ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीम प्लेटफॉर्म्स (YouTube, Hotstar, Netflix इत्यादि) पर यूजर्स बिना बफरिंग के वीडियो देख सकेंगे। youtube video kaise downloand kare.
  • ऑनलाइन कंटेंट या वीडियो डाउनलोड अपलोड करने में कम समय लगेगा। इसके माध्यम से सभी नेटवर्क्स को एक ही प्लेटफार्म पर लाया जा सकता है।
  • इस टेक्नोलॉजी से पूरी दुनिया में uniform, uninterrupted और consistent तरीके से कनेक्टिविटी प्रदान किया जा सकता है।
  • अंतरिक्ष, गैलेक्सी और दूसरे ग्रह को देखने बहुत ही आसान हो जाएगा। इससे एजुकेशन बहुत ही आसान हो जाएगा क्योंकि कोई भी स्टूडेंट बिना किसी परेशानी के दुनिया के किसी भी छोर से ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।
  • आप के लिंक पर क्लिक करने के बाद पलक झपकते ही वेबसाइट ओपन हो जाएगी। सबसे बड़ा फायदा यह है कि हाई स्पीड की जरूरत वाले काम आसान हो जाएंगे। 

5G के नुकसान

कम कवरेज

3जी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके सेल टॉवर्स कम सेल्स के साथ भी बड़े क्षेत्र को कवर करने में सक्षम हैं। यह इसलिए क्योंकि 3जी नेटवर्क को ज्यादा बैंडविथ की जरुरत नहीं होती है।

इसके बाद जब 4जी तकनीक ने कदम रखा तो उसके सेल्स ने ज्यादा बैंडविथ का उत्पादन किया जिसकी वजह से प्रत्येक सेल का कवरेज रेडियस कम हो गया। इससे यूजर्स ने अनुभव किया कि 3जी नेटवर्क के मुकाबले 4जी नेटवर्क पर कवरेज की ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है।

ऐसे में 5जी नेटवर्क के आने से यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। क्योंकि ज्यादा सेल टॉवर्स को ज्यादा बैंडविथ का उत्पादन करना होगा।

आसान भाषा में समझा जाए तो 3जी से 4जी में स्विच करने के बाद यूजर्स को 4जी में कवरेज की दिक्कत महसूस हुई। क्योंकि 3जी का कवरेज एरिया ज्यादा था। यही परेशानी यूजर्स को 4जी से 5जी में स्विच करने में आएगी।

रेडियो frequency

रेडियो, सेल टॉवर्स और सैटेलाइट रेडियो फ्रीक्वेंसी कम्यूनिकेट करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करते हैं।

फ्रीक्वेंसी को Hz से मापा जाता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी को GHz रेंज से मापा जाता है। कुछ समय पहले आई रिपोर्ट्स में बताया गया था कि 5जी नेटवर्क पर डाटा 6 GHz से ट्रांसमिट किया जाएगा। आपको बता दें कि यह रेडियो फ्रीक्वेंसी रेंज सैटेलाइट लिंक जैसे अन्य सिग्नल से पहले ही भरा हुआ है ऐसे में इसके पास दूसरे सिग्नल्स के लिए जगह नहीं है।

आसान भाषा में समझा जाए तो रेडियो फ्रीक्वेंसी भी 5जी के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकती है। क्योंकि 5जी को सैटेलाइट सिग्नल मिलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

5G के मुख्य नुकसान

  • 5G द्वारा जो स्पीड प्रदान करने की बात की जा रही है उसे पाना मुश्किल प्रतीत होता है इसके infrastructures को बनाने में बहुत ज्यादा पैसा लगेगा।
  • इसमें के सिक्योरिटी और प्राइवेसी से रिलेटेड issue है जिन्हें अभी तक solve नहीं किया गया है।
  • बहुत सारे पुराने डिवाइस इस नई टेक्नोलॉजी के साथ कंफर्टेबल नहीं है जिसके चलते उन्हें बदलना पड़ेगा जिस से बहुत नुकसान होगा।
  • अगर आपका मोबाइल 5G सपोर्ट नहीं करता है, तो आपको नया मोबाइल खरीदना होगा।
  • डेवलपमेंट का कोई भी क्षेत्र हो उसके सामने बहुत सारे चैलेंज होते हैं। 5G टेक्नोलॉजी के सामने भी बहुत सारे technology challenges और common challenges है।

4G और 5G में कितना अंतर है?

5 जी व्यापक रूप से 4 जी की तुलना में अधिक स्मार्ट, तेज और कुशल माना जाता है। यह मोबाइल डेटा गति का वादा करता है जो अभी तक उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध सबसे तेज होम ब्रॉडबैंड नेटवर्क से आगे निकल गया है।

प्रति सेकंड 100 गीगाबिट्स तक की गति के साथ, 5 जी को 4 जी की तुलना में 100 गुना तेज होना तय है। कम विलंबता 4 जी और 5 जी के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है।

विलंबता वह समय है जो पल की जानकारी से गुजरता है एक डिवाइस से भेजा जाता है जब तक कि इसका उपयोग रिसीवर द्वारा नहीं किया जा सकता है।

कम विलंबता का अर्थ है कि आप अपने मोबाइल डिवाइस कनेक्शन को अपने केबल मॉडेम और वाई-फाई के प्रतिस्थापन के रूप में उपयोग करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, आप जल्दी और आसानी से फ़ाइलों को डाउनलोड और अपलोड करने में सक्षम होंगे, बिना नेटवर्क या फोन के अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने की चिंता किए बिना। 

आप किसी भी बफरिंग समय का अनुभव किए बिना एक 4K वीडियो को लगभग सीधे देख पाएंगे।

5 जी बैंडविड्थ मुद्दों को ठीक करने में सक्षम होगा।

वर्तमान में, 3 जी और 4 जी नेटवर्क से जुड़े कई अलग-अलग डिवाइस हैं, जो प्रभावी रूप से सामना करने के लिए बुनियादी ढांचे के पास नहीं हैं।

5G वर्तमान उपकरणों और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे ड्राइवर रहित कारों और जुड़े हुए घरेलू उत्पादों को संभालने में सक्षम होगा।

Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल में आपको 5g technology in hindi के बारे जानकारी मिल गयी होगी लेकिन अगर आपको हमारे आर्टिकल में कोई कमी लगती है तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हमने आपको 5g kya है, 5g के हानि और लाभ के बारे में जानकरी दी है और जैसे ही कोई नयी अपडेट आती है तो हम इसकी भी जानकारी आप तक पहुँचाएँगे।